कश्मीरी पत्रकार को सरकार के पक्ष में रिपोर्ट न करना मंहगा पड़ा, पीएसए की धारा लगी
भारत नियंत्रित कश्मीर के पत्रकार को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में पुलिस ने गिरफ़्तार करने के बाद उन पर पीएसए लगा दिया गया है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तार किए गए पत्रकार सज्जाद गुल को अदालत से ज़मानत मिलने के अगले ही दिन उनके ख़िलाफ़ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।
29 वर्षीय सज्जाद गुल को पिछले पांच जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था, वह श्रीनगर में एक समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’के लिए काम करते हैं और साथ ही कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता में मास्टर के छात्र भी हैं।
सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्करे तैबा के एक छापामार के परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में पत्रकार को गिरफ्तार किया गया था। इस वीडियो में मारे गए छापामार के परिवारवाले कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगा रहे थे।
बांदीपुरा उपायुक्त ओवैस अहमद के हस्ताक्षर वाले पीएसए संबंधी आरोप-पत्र में सज्जाद को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि आपने हमेशा सोशल मीडिया पर विवादित बयान दिए या ट्वीट किए हैं, एक पत्रकार होने के नाते आप केंद्रशासित प्रदेश की भलाई के बारे में रिपोर्टिंग कम, जबकि द्वेष को बढ़ावा देने वाले काम ज़्यादा करते हैं।
इसके अनुसार, ‘आप हमेशा राष्ट्र-विरोधी या असामाजिक ट्वीट्स की तलाश में रहते हैं और केंद्रशासित प्रदेश की नीतियों के प्रति नकारात्मक रहे हैं, आप लोगों को सरकार के ख़िलाफ भड़काने के लिए बिना तथ्यात्मक जांच के ट्वीट करते हैं, आप आतंकवादियों और उनके परिवारों के स्वयंभू मसीहा की तरह काम करते हैं और अक्सर ऐसे मुद्दों को उठाते हैं, जो राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाते । (AK)
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