अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र क़ैद
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है।
यासीन मलिक को एनआईए की एक अदालत ने टेरर फ़ंडिंग के मामलों में दोषी क़रार देते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। इससे पहले 19 मई को अदालत ने यासीन मलिक को टेरर फ़ंडिंग के मामलों में दोषी क़रार दिया था लेकिन सज़ा सुनाने के लिए 25 मई का दिन निर्धारित किया था।
यासीन मलिक के वकील उमेश वर्मा ने बताया कि दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सज़ा मिली है, इसके अलावा दस मामलों में 10-10 साल की सज़ा सुनाई गई है, सभी सज़ाएं साथ में चलेंगी, इसके अलावा यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
उन्हें अलग-अलग धाराओं में सज़ा सुनाई गई है, वो आगे अपील कर सकते हैं लेकिन वो सिर्फ़ सज़ा को लेकर होगी, दोषी सिद्ध होने को लेकर नहीं।
यासीन मलिक पर देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, आपराधिक साज़िश रचने और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में शामिल होने जैसे आरोप लगाए गए थे।
यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (JKLF) के अध्यक्ष थे। इस संगठन ने 1989 और उसके कुछ सालों बाद तक मूल रूप से कश्मीर घाटी में सशस्त्र लड़ाई का नेतृत्व किया था। यासीन मलिक जम्मू और कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से आज़ादी दिलाने की वकालत करते हैं।
मलिक के संगठन ने 1994 में बंदूक छोड़ दी और "कश्मीर की स्वतंत्रता" के लिए एक शांतिपूर्ण संघर्ष की घोषणा की।
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