यूक्रेन में जंग के बादल...अमरीकी सेनाएं हाई एलर्ट, रूस ने कहा पश्चिम को हिस्टीरिया हो गया
अमरीकी युद्ध मंत्रालय पेंटागोन ने कहा है कि उसने अपने साढ़े आठ हज़ार सैनिकों को हाई एलर्ट कर दिया है क्योंकि उन्हें पूर्वी यूरोप में नैटो के समर्थन में तैनात किया जा सकता है।
पेंटागोन के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा कि अभी सैनिकों को विदेश भेजने का फ़ैसला तो नहीं किया गया लेकिन अगर नेटो ने अपनी रैपिड एक्शन फ़ोर्स को इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया तो इन सैनिकों को विदेश भेजा जाएगा। नैटो की रैपिड एक्शन फ़ोर्स में 40 हज़ार सैनिक हैं।
किर्बी ने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री लुइड आस्टिन के आदेश से साढ़े आठ हज़ार सैनिक हाई एलर्ट स्थिति में हैं जो पांच से दस दिन के अंदर विदेश जाने के लिए तैयार हो सकते हैं।
प्रवक्ता ने इसके साथ ही कहा कि कूटनैतिक विकल्प अब भी मौजूद है और मास्को से हमारी बातचीत जारी रहेगी लेकिन लगता है कि रूस तनाव कम करने का इरादा नहीं रखता।
उधर वाइट हाउस ने कहा कि रूस कभी भी यूक्रेन के ख़िलाफ़ सैनिक कार्यवाही शुरू कर सकता है।
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार की शाम कई यूरोपीय नेताओं से वर्चुअल मीटिंग में बातचीत की और यूक्रेन से मिलने वाली सीमा पर रूसी सैनिकों के जमावड़े पर चर्चा की।
पश्चिमी देशों का कहना है कि वे यूक्रेन की अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अगर रूस ने सैनिक कार्यवाही की तो उसे ख़तरनाक नतीजा भुगतना पड़ेगा।
नैटो के महासचिव स्टोलटनबर्ग ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि अगर रूस यूक्रेन के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही करता है तो उसे भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
अमरीका का कहना है कि रूस ने लगभग 1 लाख सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात कर रखे हैं।
दूसरी ओर रूस के विदेश उपमंत्री एलेग्ज़ंडर ग्रोश्को ने कहा कि पूर्वी यूरोप के देशों में नैटो के अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती इस बात का सुबूत है कि नैटो सैनिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
क्रिमलिन हाउस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोफ़ ने कहा कि अमरीका और उसके घटक मीडिया हिस्टीरिया के ज़रिए तनाव बढ़ा रहे हैं।
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