विश्व युद्ध जैसे हालात को रोकने के लिए क्या ठोस कोशिश हो रही है?
...संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में रस्साकशी जारी है। जंग के बारे में फिर एक बैठक हुई है।....रूस की सरकार यूक्रेन में शापिंग सेंटर पर हमले का आरोप स्वीकार करने पर तैयार नहीं है।
कुछ ही देर एक एक अन्य बैठक हुई जिसमें ईरान के राजदूत मजीद तख़्तरवांची का कहना है कि सुरक्षा परिषद अंतर्राष्ट्रीय ज़रूरतें पूरी नही कर पा रही है और इसकी उपयोगिता ख़त्म हो चुकी है।.....संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव गुटेरस सचेत करते हैं कि अगर अभी इसी वक़्त जंग न रुकी तो दुनिया के सामने भुखमरी का बड़ा संकट आने वाला है। जो बाइडन साफ़ साफ़ कह रहे हैं कि यूरोप में अमरीका की सैनिक उपस्थिति बढ़ेगी।....एसा नहीं लगता कि अंतर्राष्ट्रीय लड़ाई को रोकने के ठोस प्रयास हो रहे हैं। अमरीका ने रूस से सोने के निर्यात पर रोक लगा दी है। रूस का तेल ले जाने वाले तेल टैंकर को ज़ब्त कर लिया जाता है। रूसी करेंसी रूब्ल अमरीकी डालर के मुक़ाबले में बहुत मज़बूत हो गई है। तेल की क़ीमतें बढ़ गई हैं जबकि दूसरी ओर कैमरों की निगाहें फ़्रांस के राष्ट्रपति कैमरन पर टिकी हुई हैं। इमैनुएल मैक्रां ने बाइडन से कहा कि इमारात और सऊदी अरब तेल की कमी को पूरा करने में असमर्थ हैं। इसका यह मतलब है कि नए ऊर्जा स्रोतों को तत्काल तलाश कर लेना चाहिए। कम से कम अगले साल के आख़िर तक हालात यही रहने वाले हैं। इस ख़बर ने जी-7 बैठक में शामिल नेताओं को मायूस कर दिया जबकि दूसरों के लिए इससे बड़ी उम्मीदें पैदा हो गई हैं। न्यूयार्क से आईआरआईबी के लिए कामरान नजफ़ज़ादे की रिपोर्ट